आँखों में इतनी धुंध छायी है कि बस
आइने में अपना अक्स नज़र नहीं आता ।
आने वाले पल के मंज़र में खोये हो तुम
मुझे तो बीता कल नज़र नहीं आता ।
रात की बात करते हो सोच लिया करना
मुझे दिन के सूरज में नज़र नहीं आता ।
तेरी बैचेनी को महसूस तो किया है मैने
चाहता भी हूं पर देखा ही नहीं जाता ।
भटकने लगे हो अब कहते कहते भी तुम
कहना आता है तुमसे कहा ही नहीं जाता ।
अपनी रोनी सूरत से ऊब चला हूं अब
तुम खिलखिलाते रहो मुझे रोना नहीं आता ।
कैसे कह दूं तमन्ना है अब सिर्फ मर जाने की
कुछ सुहानी यादें जिनको छोडा़ ही नहीं जाता ।
अपने वीरान शहर की बात कुछ करने की नहीं अब
बसने तेरे शहर आ भी जाता पर अब नहीं आता ।
बस इंतज़ार है अब तेरे इस शहर से गुज़रने का
तब ना कहना तुम्हें तो ठहरना ही नहीं आता ।
बहुत ही उम्दा कविता। इस लाजवाब कविता के लिए बहुत-बहुत बधाई.......
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंमैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी "में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...
ठहरना यूं ही नहीं होता है
जवाब देंहटाएंहरना बनता है हरापन
पर्यावरण को खूब भाता है
आता तो है आपको सब कुछ
बस छिपाना नहीं आता
बताना सब आता।
अपनी रोनी सूरत से ऊब चला हूं अब
जवाब देंहटाएंतुम खिलखिलाते रहो मुझे रोना नहीं आता ।
kya baat he...aap to bahut umda likhte hain yaar
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
हर बंद हर अ -दा खूबसूरत है ,
जवाब देंहटाएंकहते हो हंसना नहीं आता .
achchhi lagi rachna..
जवाब देंहटाएंवाह भाई वाह |
जवाब देंहटाएंचमत्कार-
बहुत बढ़िया भाई जी |
बधाइयां ||
कल 12/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
कल 12/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
यह वाकई चमत्कार है |बहुत खुबसूरत ग़ज़ल |
जवाब देंहटाएंअनुभूति : ईश्वर कौन है ?मोक्ष क्या है ?क्या पुनर्जन्म होता है ?
मेघ आया देर से ......
अपनी रोनी सूरत से ऊब चला हूं अब
जवाब देंहटाएंतुम खिलखिलाते रहो मुझे रोना नहीं आता ।
लाजवाब
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 24 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजो भी हो, सुबह जरूर आएगी !
जवाब देंहटाएंStudy MBBS in Philippines
जवाब देंहटाएंStudents are mostly confused now with all the countries and consultancies offering attractive fees and exaggerating all the conditions available in the universities. When it comes to all the other countries that are offering “study MBBS abroad” for years have their own Pros and cons. Every single student willing to study MBBS abroad should have personal research and a thorough understanding of the various countries and universities in general.