उलूक टाइम्स: अप्रैल फूल
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रविवार, 31 मार्च 2019

‘उलूक’ हर दिन अपने आईने में देखता है चेहरे पर लिखा अप्रैल फूल होता है

बकवास
करने का


अपना मजा

और 

अपना

एक 
नशा होता है

किसी की
दो चार लोग
सुन देते हैं

किसी
के लिये
मजमा
लगा होता है

नशा
करके
बकवास
करने वाले को

उसके
हर फायदे
का पता होता है

नशा
करता है
एक शराबी

मगर
पीना पिलाना
उसके लिये
जरूरी होता है

कहीं
कुछ नहीं से
निकाल कर
बातों बातों में
सारा कुछ

यूँ ही
चुटकी
में दे देता है

बातों
के नशे में
रहता है
एक नशेड़ी

ऐसा
होता है
पर ये माजरा

करोड़ों में
एक होता है

बातें
होनी हैं
अप्रैल की

मार्च
के बाद का
एक महीना

हर
साल में
एक होता है

विदेशी
कैलेण्डर
विदेशी सोच
विदेशी बातों को

विदेशों में
सोचना होता है

देशी
बातों में
बातें देश
की होती हैं

एक
दिन में
बात का नशा
नहीं होता है

सबकी बात
सबके लिये बात
होने के लिये

उसके
पास
बातों का
जखीरा होता है

सालों
साल से
जिसके लिये

हर दिन
हर महीना
साल का
एक अप्रैल
होता है

फूल
लेकर हाथ में

बातों में
उसको बाँध कर

वो फिर से
हाजिर होता है

जोकर कहें
जमूरा कहें
मदारी कहें
सपेरा कहें

‘उलूक’
हर दिन
अपने
आईने में
देखता है

चेहरे
पर लिखा
अप्रैल फूल
होता है ।


चित्र साभार: https://furniture.digitalassetmanagement.site

बुधवार, 1 अप्रैल 2015

आओ मूर्खो मूर्ख दिवस मनायें

अपने
खास दिन 
मूर्ख दिवस
पर

क्षमा करेंगे
आप के
लिये नहीं

 केवल
अपने जैसों
के लिये

ढेर सारी
शुभकामनाऐं

ज्यादा
नहीं भी हैं
इसका
गम नहीं है

बहुत थोड़े
से ही हैं
थोड़ा होना
काफी है
कुछ कम
नहीं है

इतने में
संतोष करें
पाखँडी
कहलाने
से अच्छा
महामूर्ख
कहलायें

झूठे सपनों
की झूठी
बातों के
झूठों की
बीमारी
ना फैलायें

सच को
देख सामने
अपने
आँख कान
बंद रखने
से बाज आयें

मुँह खोले
और
कुछ बोलें

चाहे
बहुसंख्यक
द्वारा महामूर्ख
कहलवाये जायें

मूर्ख दिवस पर
दीवारों पर लगे
अपने पोस्टर
गिन गिन
कर आयें

मुखौटे पहने
चोरों की
दुनियाँ में 
आओ
महामूर्ख
कहलायें

अपना दिन
अपने जैसे ही
लोगों के
साथ मनायें ।

चित्र साभार:
imgkid.com