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सोमवार, 24 अगस्त 2015

दलों के झोलों में लगें मोटी मोटी चेन बस आदमी आदमी से पूछे किसलिये है बैचेन

कंधे पर लटके हुऐ
खुद के कर्मों के
एक बेपेंदी के
फटे हुऐ झोले में
रोज अपने खाली
हाथ को डालना
मुट्ठी भर हवा
को पकड़ कर
हाथ को बाहर
निकालना
कुछ इधर फेंकना
कुछ उधर फेंकना
बाकी शेष कुछ हवा
को हवा में ऊपर
को उछालना
ये सोच कर
शायद
किसी को कुछ
नजर आ जाये
और लपक ले जाये
उस कुछ नहीं में से
कोई कुछ कुछ
अपने लिये भी
उस समय जब
भरे झोले वाले लोग
चाहना शुरु करें
कोई ना देखे
उनके झोले
कोई ना पूछे
किसके झोले
सूचना भरे झोलों
का आदान प्रदान
हो सके तो बस
बंद झोलों और
बंद झोलों के बीच
ही बिना किसी के
कहीं कोई जिक्र
किये हुऐ और
बाकी एक अरब से
ऊपर के पास के
झोलों के पेंदें रहें
फटे और खुले
ताकि बहती रहे
हवा नीचे से ऊपर
और ऊपर से नीचे
आसान हो
निकालना
हवा को हाथ से
मुट्ठी बांध कर
और चिल्लाना
भूखे पेट ही
इंकिलाब
जिंदाबाद
आर टी आई
मुर्दाबाद।

चित्र साभार: www.manofactionfigures.com


गुरुवार, 21 नवंबर 2013

कभी तो लिख दिया कर यहाँ छुट्टी पे जा रहा है

बटुऐ की चोर जेब में
भरे हुऐ चिल्लर जैसे
कुछ ना कुछ रोज लेकर
चने मूंगफली की
रेहड़ी लगाने में तुझे
पता नहीं क्यों इतना
मजा आता है
कितना कुछ है
लोगों के पास
भरी हुई जेबों में जब
पिस्ते काजू बादाम
दिखाने के लिये
किसे फुरसत है तेरी
मूंगफली के छिक्कल
निकाल कर दो चार दाने
ढूढ निकाल कर खाने की
एक दिन की बात नहीं है
बहुत दिनों से तेरा ये टंटा
यहाँ चला आ रहा है
करते चले जा तू
मदारी के करतब
खुद को खुद
का ही जमूरा
तुझे भी मालूम है
पता नहीं किस के लिये
यूं बनाये जा रहा है
कभी सांस भी
ले लिया कर
थोड़ी सी देर
के लिये ही सही
नहीं दिखायेगा
कभी कुछ तो
कौन यहाँ पर
लुटा या मरा
जा रहा है
कुछ नहीं
होगा कहीं पर
हर जगह खुदा का
कोई ना कोई बंदा
उसी के कहने पर
वो सब किये
जा रहा है
जिसे लेकर रोज
ही तू यहां पर
आ आ कर
टैंट लगा रहा है
आने जाने वालों का
दिमाग खा रहा है
अब भी सुधर जा
नहीं तो किसी दिन
कहने आ पहुंचेगा यहाँ
कि खुदा का कोई बंदा
तेरी इन हरकतों के लिये
खुदा के यहाँ आर टी आई
लगाने जा रहा है और
ऊपर वाला ही अब तेरी
वाट लगाने के लिये
नीचे किसी को
काम पर लगा रहा है ।

शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

भगवान ले झेल आर टी आई

ओ ऊपर वाले
तूने लोग बनाये
सब के सब
अपने ही जैसे
जैसा तू है
पर कुछ
थोड़े से लोग
लेकिन तूने
मेरे जैसे
फिर काहे
को बनाये
क्या ये है
किसी तरह
का सम्मान
अब रेल
भी तेरी
पटरी भी
तो तेरी
अगर हो
जाये कोई
दुर्घटना
उसे तू मेरी
ही समझना
भगवान तेरी
क्राईस्ट और
अल्लाह के
साथ कोई
किसी तरह
की तकरार
ना ही दिखी
कभी निकलती
हुई तुम लोगों
के बीच में
कोई तलवार
क्योंकि इस
तरह की
कोई भी
खबर कहीं
नहीं देता
दिखा कोई
भी अखबार
भगवान तेरे
यहां कौन
सा अखबार
निकलता है
और तेरे
यहाँ के अखबार
में कौन से
भगवान की
खबर रोज
के रोज
छापी जाती है
तुझे पता है
नहीं पता है
तो पता कर
कुछ छपने छपाने
की टिप्स
हम लोगों को
भी कभी कभी
दे दिया कर
भगवान लेकिन
तू किसी भी
प्रश्न का जवाब
नहीं दे पायेगा
आर टी आई का
जवाब पूछने
के लिये
तू अपने ही
आदमी के
पास जायेगा
अखबार वाला
फिर मजाक
हम जैसों की
जरूर उड़ायेगा
कल के अखबार
की मुख्य खबर
में भगवान ही
बस एक सेक्यूलर
हुआ करता है
नजर आयेगा ।