उलूक टाइम्स: उखडे़
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रविवार, 9 जून 2013

क्या होता है जब कोई पेड़ हो गया होता है

पेड़ पेड़ होता है
कोई छोटा होता है
कोई बड़ा होता है
पेड़ किसी से कभी
कुछ नहीं कहता है
पेड़ अपनी धुन में
हमेशा रहता है
भूकंप के झटके हों
चाहे हवा के थपेडे़
इधर का उखडे़
उधर का उखडे़
पेड़ की कभी
कोई प्रतिक्रिया
नहीं होती है
पेड़ अपने
आसपास से
अपना पेट
भर लेता है
कोई अगर भूखा
सो गया होता है
वो पेड़ को पता
होता है या नहीं
ये किसी को भी
कहाँ पता होता है
पेड़ एक
योगी होता है
यही सब तो आज
लगता है हर किसी
ने सीखा होता है
पेड़ की तरह बस
खड़ा नहीं होता है
चल रहा होता है
लेकिन एक छोटा
या एक बड़ा पेड़
जरूर हो गया होता है
चारों तरफ कुछ भी
कहीं घट रहा होता है
निर्विकार योगीभाव
देखिये तो जरा
उसे कुछ नहीं होता है
दिमाग मत लगाइये
सोचने में इतना कि
कोई कुछ क्यों नहीं
कह रहा होता है
पेड़ होने के नुकसान
कम और फायदे ज्यादा
वो गिन रहा होता है
जिसके लिये हर चीज
एक छोटा या बड़ा पेड़
हो गयी होती है
वो चल रहा होता है
उसे खुद भी पता
हो गया होता है
तुझे ये सब आज
दिख रहा होता है
वो तो कब का एक
पेड़ हो गया होता है ।