उलूक टाइम्स: उल जलूल
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गुरुवार, 2 जनवरी 2014

थोड़े समय में देख भी ले बेवकूफ कौन क्या से क्या हो जा रहा है

ऊपर वाला
सुना है
आजकल
बात बात में
परेशान
हो जा रहा है


नीचे वाला
पता नहीं
इतना भी
क्यों नहीं
समझ
पा रहा है

परेशानियाँ
माना कि
उसकी
अपनी
खुद की
बनाई हुई
सब नजर
आती हैं

किसी ने
कभी उसे
क्यों नहीं
टोका कि
इतने सारे
अवतार क्यों
अपने वो
बनाये
जा रहा है

हर दूसरे
को छोड़
तीसरा
अपने
आप को
उसका ही
आदमी एक
बता रहा है

उल जलूल
सारे फजूल
कामों को
नियमों को
ताक में
रख कर
करवा रहा है

बेवकूफ
होगा
वो भी
आम
आदमी
की तरह

”उलूक”
का भेजा
बस
इतनी सी
बात को
नहीं पचा
पा रहा है

उधर
एक आदमी
लगा हुआ है
पूरे देश को
ही बदलने
के फिराक में

इधर
तुझसे
चवन्नी
भर का
ईमान
अपना
नहीं बिक
पा रहा है

सुधर जा
अभी भी
समय है
तेरे ही
खुद के
हाथ में

खुली
हथेली
ले कर
कफन
ओढ़ कर
जब चलेगा
एक लम्बे
सफर पर

सब कहेंगे
देखो जरा
एक
बेवकूफ
अपनी
बेवकूफी
के कारण
आज खाली
जेब और
खाली हाथ
जा रहा है !