उलूक टाइम्स: उड़ानें
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शनिवार, 18 जनवरी 2014

बहुत भला होता है भले के लिये ही भला कर रहा होता है

ऐसा नहीं है कि भला 
करने वाले नहीं है
बहुत हैं बहुतों का
भला करते हैं
अब इसमें क्या बुराई है
कि ऐसा करने से
उनका भी कुछ कुछ
थोड़ा थोड़ा सा
भला हो जाता हो
सपने बेचना भी
ऐसे ही लोगों को
ही आता है
कभी सपनों के लिये
कहीं कुछ लिया
दिया गया हो
किसी कागज के
पन्ने में लिखा हुआ
नहीं पाया जाता है
 

बहुत भले लोग होते हैं
किसी के लिये
खुद बा खुद
सोच तक देते हैं
समझा भी देते हैं
जब ऐक सोच ही
रहा हो किसी एक
चीज को बनाने में
तो दूसरे को क्या
जरूरत है अपने
दिमाग को उसी
के लिये भिड़ाने में
आकाश होता है
उनका बहुत ही बड़ा
कोई रोक नहीं होती है
किसी के लिये भी
उनके आकाश में
उड़ान भरने की
बस एक ही बात का
रखना पड़ता है ध्यान
गुस्ताखी नहीं
होनी चाहिये कभी भी
उनके आकाश की
सीमा पार कर जाने की
सिखा भी दिया जाता है
एक आकाश होते हुऐ
एक दूसरा आकाश
नहीं बनाया जाता है
जब एक पहले से
काम में लाया
जा रहा होता है
उड़ान भरने के लिये
अपना अपना बना के
कोई अकेले अकेले जो
क्या उड़ा जाता है
भले लोगों का
आकाश भी होता है
उड़ानेंं भी होती हैं
सोच भी होती है
सपने भी होते हैं
भले लोग ही होते हैं
जो सब कुछ खुद
कर रहे होते हैं
और जिसके लिये
ये सब कुछ
हो रहा होता है
वो कुछ भी नहीं
कर रहा होता है
उसका तो बस
और बस भला
और भला ही
हो रहा होता है ।