उलूक टाइम्स: गिलास
गिलास लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गिलास लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 13 दिसंबर 2020

चैन लिखना बेचैनी होते हुऐ किसलिये सोचना क्या रखी है और कहाँ रखी है

सारे बेचैनो ने
लिख दिये हैं चैन
दरो दीवार छोड़िये सड़क मैदानों तक में 

लिखे को पढ़िये पन्ने दर पन्ने
किसलिये  ढूंढनी है 
कलम किस की है और कहाँ रखी है 

कुछ कहां हो रहा है
किसलिये बैचेन है
चैन ढूंढ और जमा कर पैमाने तक में 

लिखते चले जा
खाली गिलास खाली बोतल
किसने देखनी है किसकी है और कहाँ रखी है 

चैन और बेचैनी
रिश्ता बहुत पुराना है
खोज ना जा कर घर से लेकर मैखाने तक में 

मिलेगा जरूर
कुछ राख कुछ धुआँ
कुछ टुकड़े बचे बीड़ी के भी
कौन लिखता है हिसाब बही कहाँ रखी है 

बेचैनी  लिखने में भी दिख जाता है चैन
चैन से नहीं लिखा कर बैचनी यूँ ही खदानों तक में 

खोदना तुम को आता है
किसे मालूम है जरूरी है कुदालें भी किसे पता है कहाँ रखी हैं 

‘उलूक’ जानता है
चैन है ही नहीं कहीं सारे 
बेचैन हैं बताते नहीं हैं 

लिखा करना जरूरी है चैन
अपने लिये ना सही
बेचैन के लिये सही बेचैनी है पता है कहाँ रखी है।

चित्र साभार: https://webstockreview.net/

शनिवार, 31 दिसंबर 2011

खबर

एक

देता है

कुछ
अनुदान

दो को

दो

कार्यक्रम
बनाता है

फिर

तीन
को बताता है

तीन
बहुत दूर से

चार
को बुलाता है

अतिथि
गृह में
ठहराता है

सलाद
कटवाता है

गिलास
धुलवाता है

चार
सेवा टहल
करवाता है

टी ए डी ए
भरवाता है

खर्राटे भरकर
सो जाता है

पांच

झाडू़
लगवाता है

मंच सजाता है

देर से घर जाता है

पांच

फिर
सुबह सुबह
आ जाता है

आदत
से मजबूर
खुद पर
खिसियाता है

कोई भी
उपस्थित
नहीं हुवा
समय पर

पाता है

दो और चार
टहल के आते हैं

कौलर अपने
उठाते हैं

धूप में
बैठ जाते हैं

श्रोता
एक घंटा
देर से आते हैं

बेहयाई
से फिर
मुस्कुराते हैं

तीन
घर में
बीन बजाता है

कुछ को
मोबाईल फोन
मिलाता है

कार्यक्रम
हुवा या नहीं
पता लगाता है

अखबार
वालों को
सब कुछ
बताता है

पांच
अगले दिन
खबर में पाता है

सारी
खबर में
अखबार
तीन ही तीन
दिखाता है

तीन
घर में रखी बीन
फिर से बजाता है

पांच
अपनी बीबी से

डांठ
जोर की
खाता है।

बुधवार, 28 दिसंबर 2011

चुनाव

चूहा कूदा फिर कूदा
कूद गया फिसल पड़ा
एक कांच के गिलास
में जाकर डूब गया
छटपटाया फड़फड़ाया
तुरंत कूद के बाहर
निकल आया
सामने देखा तो
दिखाई दे गयी
अचानक उसे
एक बिल्ली
पर ये क्या
बिल्ली तो
नांक मुंह
सिकोड़ने
लगी
चूहे से मुंह
मोड़ने लगी
चूहा कुछ फूलने
सा लगा
थोड़ा थोडा़ सा
झूमने भी लगा
बिल्ली को देख कर
पूंछ उठाने लगा
फिर बिल्ली को
धमकाने लगा
बिल्ली बोली
बदबू आ रही है
जा पहले नहा के आ
वर्ना अपनी शकल
मुझे मत दिखा
चूहा मुस्कुराया
फिर फुसफुसाया
हो गया ना कनफ्यूजन
गिलास में क्या गिरा
बदबू तुम्हें है आने लगी
पर गिलास में शराब
नहीं है दीदी
वहां तो सरकार है
चुनाव नजदीक आ रहा है
टिकट बांटे जा रहे हैं
मैंने फिसल के
अपना भाग्य है चमकाया
जीतने वाली पार्टी
का टिकट उड़ाया
और कूद के बाहर
हूँ आया।