उलूक टाइम्स: चीनी
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मंगलवार, 18 अगस्त 2020

तो बेशरम उलूक कब छोड़ेगा तू लिखना बकवास छोड़ ही दे ये नादानी है

 

अरे 
सब तो
लिख रहे हैं 
कुछ ना कुछ 
मेरे लिखे से क्या परेशानी है 

मैं तो
कब से
लिख रहा हूँ 
मुझे खुद पता नहीं है 
मेरे लिखे लिखाये में कितना पानी है 

मेरे
लिखने से
किसलिये परेशान हैं 

आपके लिये
उठाने वाले  कलम
गिन लीजियेगा हजूर

हर
डेढ़ शख्स
फिदा है आप पर 
बाकी आधा
है या नहीं भी किसलिये सोचना 
है

लिख दीजियेगा
आँकड़े की कोई बे‌ईमानी है 

मेरा लिखना
मेरा देखना
मेरी अपनी बीमारी है 

अल्लाह करे
किसी को ना फैले
ये कोरोना नहीं रूमानी है

सब
देख कर लिखते हैं
फूल खिले अपने आसपास के 
झाड़ पर
लिखने की
मेरे जैसे खड़ूस ने खुद ही ठानी है 

सब अमन चैन तो है
सुबह के अखबार क्यों नहीं देखता है 

कहाँ भुखमरी है
कहाँ गरीबी है कहाँ कोई बैचेन है 

तेरे शहर की
हर हो रही गलत बात पर
नजर डालने वाला

जरूर
 कोई चीनी है
या पाकिस्तानी  है

पता नहीं
क्या सोचता है
क्या लिखता है
पागलों के शहर का एक पागल
काँग्रेस और भाजपा तो
आनीजानी है 


शहर
पागल नहीं है
हवा पानी में
कुछ मिला कर रखा है किसी ने
ना कहना
कितनी बेईमानी 
है 

कत्ल से लेकर
आबरू लूटने की भी 
नहीं छपी
इस शहर की कई कहानी है 


कोई
कुछ नहीं
कहता है यहाँ ‘उलूक’
यही तो
एक अच्छे शहर की निशानी है 


चित्र साभार: https://nohawox.initiativeblog.com/

शनिवार, 9 जून 2012

उल्लू की रसोई

रोज
कोशिश
करता हूँ

कुछ
ना कुछ
पका ही
ले जाता हूँ

खुद
खाने के
लिये नहीं
यहाँ परोसने
के लिये
ले आता हूँ

कुछ
खाने वाले
खीर को
आईसक्रीम
बताते हैं

चीनी
डाली है
कहने पर
नमक तेज
डाल दिया
तक
कह जाते हैं

अब
रसोईया
वही तो
पका पायेगा

जिस
चीज का
कच्चा माल
अपने आस पास
उसे मिल जायेगा

खाने
वाले को पसंद
आये तो ठीक
नहीं भी आये
तब भी परोस तो
दिया ही जायेगा

कोई
थोड़ा खायेगा
कोई पूरा
खा जायेगा

कोई कोई
थाली को
सरका कर के
किनारे से
निकल जायेगा

किसी के मन
बहुत ज्यादा
भा गया
खाना मेरा
तो रोटियाँ
अपनी थाली
के लिये भी
उठा ले जायेगा
मेरा क्या जायेगा? 

गुरुवार, 17 मई 2012

कड़वी चीनी

चीनी के
बारे में
सबसे
कड़वी
बात

दैनिक
हिन्दुस्तान
में छपी
एक खबर
ने हमें
बतायी
है आज

"ज्यादा
चीनी
का सेवन
बनाता है
बेवकूफ़"

बात वैसे
लग रही
है बहुत
ही खूब

इस बात
को हम
कब से
रहे थे
अपने ही
घर में सूंघ

श्रीमती जी
बहुत दिनों
से हमें
चाय
बिना चीनी
के पिलाये
जा रही थी

ये बात
मेरी समझ
में बिल्कुल
भी नहीं
आ रही थी

इसके
खिलाफ
मेरा
परम मित्र
मुझे
भड़का
रहा था
अपने
घर मेंं
एक कप
चाय में
दो चम्मच
चीनी
डाल कर
पिला
रहा था

श्रीमती जी
को कभी
महसूस
मैं फिर
भी नहीं
करा पाया

चीनी कम
खाने से
मेरी
बेवकूफी
में कुछ
अंतर
भी आया

ये समाचार
पत्र भी
अजीब
अजीब
समाचार
छाप के
ले आते हैं

किसी
दिन
चीनी
तो
किसी
दिन
नमक
खाने से
परहेज
करवाते हैंं

घूस
खाने
वाला
बनता है
या
बनाता है
बेवकूफ
नहीं बता
पाते हैं

चीनी
नमक
जैसी चीज
खाने वाले
के पीछे
ही पड़
जाते हैं

देखिये
किस तरह
बेवकूफ
बना ले
जाते हैं।

रविवार, 5 फ़रवरी 2012

गाय

हाथी बंदर मे
वो बात कहाँ
जो गाय और
बैल में है

गाय हमारी
माता है

हमको कुछ
नहीं आता है

बैल हमारा
बाप है

नम्बर देना
पाप है

बचपन से
सुनते आये हैं

गाय वाकई में

भारतीय है
बैल थोड़ा
चीनी
दिखाई
देता है

इसलिये
बैल कहीं
नहीं
दिखाई देता है


आदमी
की बात

जो नहीं
सोच पाता है

वो गाय से
समझाता है


गाय कभी
नहीं बताती

अपना धर्म
बैल ने भी
नहीं कहा

कभी वो
चीनी है


गाय बैल
के नाम

लड़ाई
मत करो


मुझे
बताओ ना

गाय के
बच्चा होता है

कैल्शियम
कैसे दिया

जाता है
उसे बच्चा

होने के बाद
और क्यों

कोई बतायेगा?