उलूक टाइम्स: सिम
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मंगलवार, 20 नवंबर 2018

बधाई हो गुफा के दरवाजे खोल लेने के लिये अलीबाबा को सिम सिम वाली सिम सम्भाल कर रखें जल्दी ही फिर से काम आयेगी

तैयार
हो जाइये
खबर आई है

अलीबाबा की
मेहनत रंग लायी है

गुफा
खुल गयी है

अशर्फियाँ

दिखने लगी हैं
मतलब मिल गयी हैं


चालीस
चोरों का
पता नहीं
चल पा रहा है

खबर के
चलने के
बाद से ही
उनका
सरदार भी
मुँह छुपा रहा है

जल्दी ही
तराजुओं की
दुकानें खुलना
शुरु हो जायेंगी

तली में
गोंद लगाने की
जरूरत नहीं पड़ेगी

अशर्फियाँ
खुद ही आ आ
कर चिपक जायेंगी

मरजीना के
खुद के नाचने
का जमाना
अब रहा नहीं

इशारे
भर से उसके

नाचने
वालोंं की
लम्बी लाईनें
अपने आप
लगना शुरु
हो जायेंगी

बस
जरूरत है
महसूस करने की

एक
छोटी सी
गुफा को
खोल ले जाने के
छोटे छोटे
खुल जा सिम सिम को

यही मंत्र है
यही तंत्र है
हर बार
यही वाली सिम

सिम सिम की
काम में आयेंगी

जरूरत है
समझने की
ऐसी ही
छोटी छोटी गुफाएं

किस तरह बस
कुछ ही बचे महीनों में
बड़ी एक गुफा के
दरवाजे तक
पूरे देश को ले जायेंगी

फिर शुरु होगा

अलीबाबा का खेल

फिर से
सिम सिम
कहते ही
अशर्फियाँ दिखना
शुरु हो जायेंगी

लोग
करना शुरु
हो जायेंगे साफ
अपने अपने तराजू

अशर्फियों
के सपने
पुराने सालों के

फिर से हरे
हो जायेंगे

ढोल नगाड़े
पठाखे के
शोर के बीच

‘उलूक’
सोचना
शुरु कर देगा
कुछ नयी
बकवासों
के शीर्षक

अगले
पाँच सालों में
शायद उसकी
बकवासों की
घड़ी की सुई

क्या पता
उसके लिये
पच्चीस छब्बीस
सताईस बजाना
शुरु हो जायेगी।

चित्र साभार: http://www.ssdsnassau.org

बुधवार, 13 जून 2012

कुछ तो सीख

रसोईया मेरा
बहुत अच्छे
गाने सुनाता है

तबला थाली से ही
बजा ले जाता है
बस कभी कभी
रोटियां जली जली
सी खिलाता है

अखबार देने
एक ऎसा
आदमी आता है
ना कान सुनता है
ना ही बोल पाता है

हिन्दुस्तान
डालने को
अगर बोल दिया
उस दिन पक्का
टाईम्स आफ इंडिया
ले कर आ जाता है

लेकिन दांत बहुत ही
अच्छी तरह दिखाता है

बरतन धोने को जो
महिला आती हैं
छ : सिम और एक
मोबाईल दिखाती है

आते ही चार्जर को
लाईन में घुसाती है
उसके आते ही
घंटियाँ बजनी शुरु
घर में हो जाती हैं

बरतनो में खाना
लगा ही रह जाता है
पानी मेरी टंकी का
सारा नाली में बह
के निकल जाता है

मेहमान मेरे घर
में जब आते हैं
अभी तक
मास्टर ही हो क्या
पूछते हैं
फिर मुस्कुराते हैं

कुछ अब कर
भी लीजिये जनाब
की राय मुझे
जाते जाते जरूर
दे के जाते हैं

अब कुछ
उदाहरण
ही यहाँ पर
बताता हूँ
चर्चा को
ज्यादा लम्बा
नहीं बनाता हूँ

बाकी लोगों के
कामों की लिस्ट
अगले दिन के
लिये बचाता हूँ

पर इन सब से
पता नहीं मैं
अभी तक भी
कुछ भी क्यों नहीं
सीख पाता हूँ।